पलक, फ़लक, झलक, हलक, छलक, तलक
कुछ आदत सी हो गयी है तुकबंदी की,
ग़र न मिले
तो इतनी तकलीफ
के काफिया जमा ही नहीं,
ग़ज़ल ग़र्क हो गई I
पर किसने कहा है
हर बार मिलेगा ही
तुक से तुक
सुर से सुर
नाकाम रिश्तों का मेला सा है,
गुज़र जाती है उम्र इस इंतज़ार में,
के जुगलबंदी होगी
तुकबंदी होगी
और तुम, ग़ुलाम कलम के,
एक मिसरे को रोते हो ??
तुकबंदी = rhyme, पलक = eyelids, फ़लक = sky, horizon, झलक = glimpse, हलक = throat, छलक = spill over, तलक = up till, काफिया = rhymes, ग़र्क = to drown, जुगलबंदी = harmony (musical terms), ग़ुलाम = slave, कलम = pen, मिसरा = verse, couplet
wow, vandy!
ReplyDeleteawesome.
:) when things meet naturally, it's fun of it's own... but when we force them to meet, problem में फंस जाते हैं हम! है ना? :)
ReplyDeleteyes exactly anagha :) u remember when we met Gulzar ji (on 14.08.08)and I was reciting a poem to him and he said "तुकबंदी और अच्छा लिखना ये दो बिलकुल अलग - अलग बातें हैं . अच्छा लिखो तो शायद कहीं - कहीं अपने आप तुकबंदी हो जाती है पर अगर तुकबंदी करने बैठो तो आप कभी अच्छा नहीं लिख पाओगे. इन बातों का ख्याल रखना".
ReplyDeletearre wah kya baat hai...
ReplyDeleteaapki gazal ki jugalbandi ke kayal ho gai mein to :)
thanks for the dropping by :)
ReplyDeletevisit my other blog too :)
http://sparkledaroma.blogspot.com/